Old Pension Scheme – अगर आप उत्तर प्रदेश सरकार के कर्मचारी हैं और आपकी भर्ती साल 2005 से पहले की प्रक्रिया के तहत हुई थी, तो आपके लिए एक बहुत बड़ी खुशखबरी है। केंद्र सरकार ने हाल ही में ऐसा फैसला लिया है जिससे हजारों सरकारी कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना का लाभ मिलने का रास्ता फिर से खुल गया है।
पुरानी पेंशन की मांग तो काफी वक्त से चल रही थी, और अब जाकर सरकार ने एक ऐसा कदम उठाया है, जिससे उन कर्मचारियों की उम्मीदें पूरी होती नजर आ रही हैं, जो रिटायरमेंट के बाद अपनी आर्थिक सुरक्षा को लेकर चिंतित थे।
क्या है पुरानी पेंशन योजना?
पुरानी पेंशन योजना यानी वो सिस्टम जिसमें रिटायरमेंट के बाद हर महीने तय पेंशन मिलती है। इस पेंशन की रकम आपके आखिरी वेतन के हिसाब से तय होती है। इसमें सबसे अच्छी बात ये है कि ये पेंशन जीवन भर मिलती है, और अगर कर्मचारी की मृत्यु हो जाए तो उसके परिवार को भी ये पेंशन मिलती रहती है। इस योजना में बाजार के उतार-चढ़ाव का कोई असर नहीं होता, इसलिए इसे सबसे भरोसेमंद पेंशन सिस्टम माना जाता है।
नई पेंशन योजना क्यों लाई गई थी?
सरकार ने एक अप्रैल 2005 से पुरानी पेंशन को बंद करके नई पेंशन योजना लागू कर दी थी, जिसे एनपीएस कहा जाता है। इसमें पेंशन की रकम बाजार आधारित होती है और इसमें कोई तय राशि की गारंटी नहीं होती। यही वजह है कि कर्मचारी लगातार पुरानी पेंशन योजना को फिर से लागू करने की मांग कर रहे थे।
किन कर्मचारियों को मिलेगा लाभ?
अब सरकार ने साफ कर दिया है कि वे कर्मचारी जो 28 मार्च 2005 से पहले निकले भर्ती विज्ञापन के तहत चुने गए थे, उन्हें पुरानी पेंशन योजना का लाभ मिलेगा। इसका मतलब यह है कि अगर भर्ती प्रक्रिया 2005 के पहले शुरू हो गई थी, भले ही नियुक्ति कुछ महीने बाद हुई हो, फिर भी कर्मचारी पुरानी योजना के दायरे में आएंगे।
इसके अलावा उनकी नियुक्ति राज्य सरकार के किसी विभाग में होनी चाहिए। यानी कि केवल उन्हीं को लाभ मिलेगा जो राज्य सेवा के अधीन काम कर रहे हैं।
किन्हें नहीं मिलेगा फायदा?
जो कर्मचारी 28 मार्च 2005 के बाद निकले भर्ती विज्ञापन के तहत नौकरी में आए हैं, वे इस लाभ के दायरे में नहीं आएंगे। उन्हें अभी भी नई पेंशन योजना के अनुसार ही पेंशन मिलेगी।
क्या करना होगा पात्र कर्मचारियों को?
सरकार ने पात्र कर्मचारियों से कुछ जरूरी कागज और जानकारी मांगी है, जिससे यह तय किया जा सके कि किसे पुरानी योजना का फायदा दिया जा सकता है। इसके लिए कर्मचारियों को ये दस्तावेज तैयार रखने होंगे:
- सेवा पुस्तिका की प्रमाणित प्रति
- जिस विज्ञापन के तहत भर्ती हुई थी, उसकी प्रति
- कार्यभार ग्रहण करने की तारीख
- विकल्प पत्र, जो 31 अक्टूबर 2024 तक भरना जरूरी है
- विभागाध्यक्ष की सिफारिश
इन सभी कागजों को नगर आयुक्त या अधिशासी अधिकारी को निर्धारित फॉर्मेट में जमा करना होगा। बिना सही जानकारी के लाभ नहीं मिल पाएगा, इसलिए ये काम ध्यान से करना होगा।
सरकार की मंशा क्या है?
सरकार इस कदम के जरिए यह दिखाना चाहती है कि वह अपने पुराने कर्मचारियों के हितों की परवाह करती है। लंबे समय से चल रहे आंदोलनों, धरनों और मांगों के बाद आखिरकार कर्मचारियों की बात सुनी गई है। ये फैसला उन लोगों के लिए राहत भरा है जो अपने रिटायरमेंट के बाद की जिंदगी को लेकर असुरक्षित महसूस कर रहे थे।
पुरानी पेंशन क्यों है बेहतर?
- यह एक स्थिर और भरोसेमंद आय का जरिया है
- बाजार के उतार-चढ़ाव का कोई असर नहीं
- रिटायरमेंट के बाद भी सुरक्षित भविष्य
- कर्मचारी और उनके परिवार दोनों को आर्थिक सहारा
कर्मचारियों को अब क्या करना चाहिए?
अगर आप इस योजना के पात्र हैं, तो ज्यादा समय बर्बाद न करें। अपने जरूरी दस्तावेज जुटाइए, तय फॉर्मेट में डिटेल भरिए और 31 अक्टूबर 2024 से पहले संबंधित अधिकारी को सबमिट कर दीजिए। अगर कोई गलती हो गई या समय चूक गया, तो आपको इस लाभ से वंचित होना पड़ सकता है।
उत्तर प्रदेश में पुरानी पेंशन योजना की वापसी हजारों कर्मचारियों के लिए बहुत बड़ा तोहफा है। यह फैसला न सिर्फ आर्थिक रूप से उन्हें मजबूती देगा बल्कि मानसिक सुकून भी देगा कि रिटायरमेंट के बाद भी एक स्थिर आमदनी बनी रहेगी। उम्मीद की जा रही है कि आने वाले वक्त में देश के बाकी हिस्सों में भी ऐसी ही पहल देखने को मिलेगी और कर्मचारियों को उनका हक मिल सकेगा।
अब बस जरूरी है कि आप सही जानकारी रखें, दस्तावेज पूरे करें और समय पर प्रक्रिया पूरी करें ताकि इस सुनहरे मौके को आप अपने हाथ से न गंवा दें।